दिल्ली . 41 साल के सेठ मोजियर और उनकी 42 साल की पत्नी मेग अमेरिका के रहने वाले हैं। दोनों पांच साल से बच्चे के लिए कोशिश कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने आईवीएफ तकनीक का भी सहारा लिया। लगातार असफल होने के बाद उन्होंने 2018 में चाइल्ड एडॉप्शन का रास्ता चुना। फिर कपल ने भारत में बच्चा गोद लेने का विचार किया। यहां गोद लेने की प्रक्रिया बाकी जगहों की तुलना में थोड़ी आसान है।
सेठ और मेग मार्च में तमिलनाडु पहुंचे थे। इसके बाद दोनों मदुरई शहर के अनाथ आश्रम से एक बच्ची सेल्वी को गोद लिया। लेकिन इसी बीच कोरोनावायरस के कारण सरकार ने लॉकडाउन घोषित कर दिया।इससे यह परिवार दिल्ली में अटक गया। हालांकि इस तरह फंस जाना अमेरिकन डिप्लोमेट सेठ के लिए नया नहीं था। अपने काम के दौरान वे कई बार ऐसे हालातों से गुजर चुके थे। सेठ ने आखिरी समय में अमेरिकी दूतावास से डॉक्यूमेंट्स फाइनल करवाया और किसी तरह सेल्वी को लेकर अमेरिका पहुंच सके।
फिलहाल मोजियर बेथेस्डा, मेरिलैंड में हैं। यहां गवर्नर ने लॉकडाउन बढ़ाने के आदेश दिए हैं। परिवार इन हालातों के चलते बेटी को परिवार और दोस्तों से नहीं मिला पाया है। सेल्वी को अमेरिकन खाने में भी परेशानी हो रही है। इस वजह से मेग ऑनलाइन इंडियन रेसिपी तलाश रही हैं।
लॉकडाउन की खबर से परिवार बनने की उम्मीद टूटने लगी थी
बीते दिसंबर में सेठ और मेग ने पहली बार सेल्वी से वीडियो कॉल पर बात की थी। इसके तीन महीने बाद राजधानी दिल्ली में 2 मार्च को कोरोनावायरस का पहला मामला आया। कपल को इसके एक दिन पहले ही एडॉप्शन की अनुमति मिली थी। सेठ और मेग कहते हैं कि उनके भारत पहुंचने के महज 20 घंटे बाद ही सरकार ने बॉर्डर सील कर दी। उपयोग नहीं किए गए वीजा कैंसिल और विदेशियों के यहां आने पर रोक लगा दी गई। खबरें आने लगीं कि सरकार सभी अंतरराष्ट्रीय यात्राओं को रद्द करने पर विचार कर रही है।'