नई दिल्ली. कोरोना वायरस की वजह से विदेशों में फंसे भारतीयों को लाने के मिशन वंदे भारत का आज तीसरा दिन है। आज पहली फ्लाइट ढाका से आई। यह करीब 3.45 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड हुई। इसमें 129 लोग आए हैं। आज अलग-अलग देशों से 7 फ्लाइट और आएंगी। इससे पहले मिशन के दूसरे दिन यानी शुक्रवार को 5 उड़ानों से भारतीयों की वापसी हुई।
वंदे भारत मिशन से इमरजेंसी वाले लोगों को मदद मिल रही
वंदे भारत मिशन में सरकार बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, बीमारों या फिर उन लोगों को प्राथमिकता दे रही है जिनके घर में किसी की मौत हो गई है या फिर कोई गंभीर रूप से बीमार है। विदेश में फंसे ऐसे भारतीयों को वंदे भारत मिशन से बड़ा सहारा मिल रहा है। मस्कट से कोच्चि आ रहे एक यात्री ने बोर्डिंग से पहले बताया- "काम के दौरान मेरी आंख में चोट लग गई थी। मस्कट में डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने से मना कर दिया, उन्होंने केरल में ऑपरेट करवाने की सलाह दी। मैं भारतीय दूतावास का आभारी हूं कि उन्होंने भारत लौटने में मेरी मदद की।"
मस्कट से कोच्चि आ रही एक महिला ने कहा- मेरी मां आईसीयू में हैं। मैं भारत सरकार और मस्कट में भारतीय दूतावात की आभारी हूं कि उन्होंने भारत लौटने में मदद की।
8 मई को 5 उड़ानों से लोग भारत लौटे
वंदे भारत मिशन के दूसरे दिन यानी 8 मई को पहली फ्लाइट दोपहर 12 बजे दिल्ली पहुंची। इस फ्लाइट में सिंगापुर से 234 लोग आए। दूसरी फ्लाइट ढाका से 167 मेडिकल स्टूडेंट को लेकर श्रीनगर आई। तीसरी फ्लाइट रियाद से 153 लोगों को लेकर कोझिकोड पहुंची। बहरीन से कोच्चि और दुबई से चेन्नई आई उड़ानों में 182-182 लोग आए।